एक बूढी औरत
अस्पताल मॆं
साथ ही इलाही दरबार मॆं
अपनी बारी के लिए कर रही हैं इंतजार.
उसके एक बगल हैं ,बेटा बंधी हैं उसकी कलाई मॆं
टाटा की घडी
दूसरी तरफ लेकिन बेटे से ज्यादा करीब
उसने रखी हैं छड़ी
"अम्मा तुम्हारा नंबर आ गया"-:वार्ड बॉय बोला
बुढ़िया उठती हैं
बेटे के हाथ को नकारती हैं
छड़ी के सहारे आगे बढ़ जाती हैं
सुना था
बेटे होते हैं बुढापे की छड़ी
छड़ी को बुढापे का बेटा होते मैंने आज ही देखा हैं ........
आईआईटीयन चंद्रशेखर बने स्वामी पशुपतिनाथ
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सैयद शहरोज़ क़मर *की क़मर से *
सनातन परंपरा की अलौकिकता के महाकुंभ सिंहस्थ उज्जैन में देश-दुनिया की
विभिन्न रंगत अकार ले रही है। श्रद्ध...
7 years ago
3 comments:
hmm aajkal yahi sach hai
beta farz nahi nibha raha
samay badal gaya hai
aapka sawagat hai shabdon ki duniya main
छड़ी को बुढापे का बेटा होते मैंने आज ही देखा हैं ........
आज के सामाजिक परिवेश में रिश्तों के संक्रमण पर सटीक और करारा व्यंग किया है...
Mast likha hai bhai!!
Keep it up!!
best of luck!!
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