Monday 4 August, 2008

छाप--- मेरी बुलबुल कि पैसा मिलेगा--2

गुरु जी जैसे दलालों का (क्या करूँ लिखना तो 'दादाओं' चाहता हूँ, वे भी पुराने खिलाडी हैं राजनीति के, लेकिन ये कमबख्त कलम बागी हैं ) का एक 'दलदल' मतलब दल उतरप्रदेश में भी हैं. बड़े बेचैन दलाल, वे शेयर मार्केट से परेशान नही हैं, न ही गरीबी से तंग, ये महंगाई पर भी दलाली नही करते हैं, वे बाज़ारों में नही मस्जिदों में जाकर दलाली करते हैं.
बहरहाल फ़िलहाल ये 'दलाल' पिटे हुए हैं, बहन जी से पिटे हुए. दर्द के मरे करहा रहे हैं, दर्द कुर्सी से गिरने का, गिराए जाने का. अच्छे से अच्छे डाक्टर कि महंगी से महंगी दवाई नाकाम. दर्द बहन जी के शाशन के समानांतर बढता ही जा रहा हैं. पर कहते हैं न जहाँ से दर्द मिला हो दवा भी वहीँ मिलती हैं. सो 'कुर्सी का दर्द कुर्सी से ही जावेगा'. बहन जी का दर्द मैडम जी भगवें गी (महिला सशक्तिकरण का जमाना हैं). इसलिए जैसे ही रियल्टी शो कि खबर मिली चीफ (वैसे चिप भी चलेगा) दलाल पहुँच गए 'जनपथ'. मैडम जी कि दरबार मॆं, उनकी कुर्सी को कन्धा देने मेरा मतलब सहारा देने, कीर्तन गाने (ह्रदय परिवर्तन जो हुआ हैं, सत्य के दर्शन जो हुए हैं). "मैडम जी तुम चन्दन हम पानी"..........इधर मैडम जी के खेमे मॆं तो पहले ही 'लाल चुनर' वाले की 'कचिये-हथोडी' ने कहर बरपाया हुआ था , नीली वाली पगड़ी उडी-उडी जा रही थी, मैडम जी के वफादार विकल हो सुन रहे थे---"चार दिनों का प्यार ओ रब्बा फिर लम्बी जुदाई हैं" (सचमुच साहित्यकार अपने आने वाले समय को पहचान लेता हैं) लेकिन जैसे ही चीफ दलाल पहुंचे, रिकार्ड बदल गया ...."यु पि से आया मेरा दोस्त, दोस्त को सलाम करो" मनो सदियों से अँधेरे में पड़े गावं में बिजली आ गई हो, गले मिले, जेबें भरी, स्वार्थ सिद्धि हुई,तय हुआ--"छाप--- मेरी बुलबुल कि पैसा मिलेगा".
इधर खबर यह हैं कि 'लाल चुनर' तार-तार हो गई, कमल अपनी पंखुडियों को बहा ले जाने का दोष पैसे कि बाढ़ को दे रहा हैं.
लेकिन क्या सलमान अब इस बात के लिए कितनी बड़ी खिड़की छोडेंगें कि "कितने % भारतीय लोकतंत्र में जी रहे हैं??"

1 comment:

रमेंद्र said...

achha likhte ho guru..........
lage raho..............

lekin main hun kaun ye to bata dun......
darasal main tumhare dost (abhishek) ka bahut bada sa (lekin chhota aadmi) bhai hun. blogging me interest hai so abhi ne tumhare adde ka thikana bata diya.
thanks
mera blog
kanfuski.blogspot.com